भारत के पास आपकी कल्पना से भी बहुत ज्यादा है... गंगा विलास के उद्घाटन पर विदेशी पर्यटकों से बोले पीएम मोदी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दुनिया के सबसे लंबे रिवर क्रूज गंगा विलास का वर्चुअली उद्घाटन किया। इस दौरान रविदास घाट पर योगी आदित्यनाथ, केंद्रीय मंत्री सर्बानंद सोनोवाल मौजूद रहे। बिहार के उपमुख्यंत्री तेजस्वी यादव भी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए कार्यक्रम से जुड़े।
उत्तर प्रदेश के वाराणसी में दुनिया की सबसे बड़ी क्रूज शिप गंगा विलास के शुभारंभ पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि आजादी के बाद गंगा के किनारे की पट्टी की उपेक्षा की गई, जिससे यह पूरा इलाका पिछड़ता चला गया। ऐसे में हमने नए अप्रोच के साथ काम किया और नमामि गंगे के तहत न सिर्फ गंगा को साफ किया बल्कि अर्थ गंगा के तहत आर्थिक गतिविधयों का नया वातावरण भी तैयार किया। उन्होंने गंगा विलास के पहले विदेशी यात्रियों को संबोधित करते हुए कहा कि भारत के पास सब कुछ है। भारत को शब्दों में व्यक्त नहीं किया जा सकता है, उसे दिल से एक्सपीरियंस किया जा सकता है।
विदेशियों को बताया, क्या है इंडिया
मोदी ने कहा कि सभी विदेशी टूरिस्ट का अभिनंदन करता हूं जो इस क्रूज से पहले सफर को निकलने वाले हैं। एक प्राचीन शहर से आप एक आधुनिक क्रूज पर शहर करने जा रहे हैं। विदेशी साथियों से विशेष तौर पर कहना चाहता हूं, 'इंडिया हैज एवरीथिंग, दैट यू कैन इमेजिन। इट ऑल्सो हैज अ लॉट बियॉन्ड योर इमेजिनेशन। इंडिया कैन नॉट बी डिफाइंडज इन वर्ड्स। इंडिया कैन ऑनली बी एक्सपीरियंड विथ हार्ट। बिकॉज इंडिया ओपन हिज हार्ट फॉर एवरीवन इर्रेस्पेक्टिव ऑफ रीजन ऑफ रिलीजन, कंट्री। वी वेलकम ऑल आवर टूरिस्ट फ्रेंड्स फ्रॉम डिफरेंट पार्ट ऑफ द वर्ल्ड्स।'
(भारत के पास सब कुछ है, जो भी आप कल्पना कर सकते हैं। भारत के पास आपकी कल्पना से भी ज्यादा बहुत कुछ है। भारत को शब्दों में परिभाषित नहीं किया जा सकता। भारत को सिर्फ दिल से महसूस किया जा सकता है। क्योंकि भारत ने धर्म, जाति, क्षेत्र से परे होकर सभी के लिए अपने दिल के दरवाजे खोले हैं। हम दुनिया के अलग-अलग हिस्सों के अपने सभी पर्यटक दोस्तों का स्वागत करते हैं।)
गंगा किनारे वालों की उपेक्षा
मोदी ने कहा कि ये जो लोग इसमें आध्यात्म की खोज में हैं, उन्हें वाराणसी, बोधगया, विक्रमशिला, पटना साहिब और माजुली की यात्रा का सौभाग्य मिलेगा। मोदी ने कहा कि गंगाजी हमारे लिए सिर्फ एक जलधारा भर नहीं है बल्कि यह प्राचीन काल से इस महान भारत भूमि की तप-तपस्या की साक्षी हैं। भारत की स्थितियां जैसी भी रही हों, मां गंगा ने हमेशा कोटि-कोटि भारतीयों को पोषित किया है। प्रेरित किया है। इससे बड़ा दुर्भाग्य क्या हो सकता है कि गंगा जी के किनारे की पूरी पट्टी की आजादी के बाद पिछड़ती चली गई। आगे जाने की तो बात ही छोड़ दीजिए। उन्होंने कहा कि इस वजह से लाखों लोगों का गंगा किनारे से पलायन भी हुआ। इस स्थिति को बदला जाना जरूरी था। इसलिए हमने एक नए अप्रोच केसाथ काम करना तय किया। हमने एक तरफ नमामि गंगे के माध्यम से गंगा की निर्मलता के लिए काम किया और दूसरी ओर अर्थ गंगा का अभियान चलाया।
"भारत के पास सब कुछ है, जो भी आप कल्पना कर सकते हैं। भारत के पास आपकी कल्पना से भी ज्यादा बहुत कुछ है। भारत को शब्दों में परिभाषित नहीं किया जा सकता। भारत को सिर्फ दिल से महसूस किया जा सकता है। क्योंकि भारत ने धर्म, जाति, क्षेत्र से परे होकर सभी के लिए अपने दिल के दरवाजे खोले हैं। हम दुनिया के अलग-अलग हिस्सों के अपने सभी पर्यटक दोस्तों का स्वागत करते हैं।" -नरेंद्र मोदी, प्रधानमंत्री
छोटे-छोटे क्रूज को दे रहे हैं बढ़ावा
पीएम ने कहा कि हम अलग-अलग शहरों में छोटे क्रूज को बढ़ावा दे रहे हैं। हर पर्यटक वर्ग के पहुंच में है, इसे ध्यान में रखकर क्रूज की व्यवस्थाएं की जा रही हैं। उन्होंने कहा कि दुनिया में भारत को जानने, समझने की उत्सुकता दुनिया में बढ़ रही है। बीते 8 सालों में हमने टूरिज्म के विस्तार पर बल दिया है। अपने आस्था के स्थानों के विकास को भी प्राथमिकता बनाया है। काशी नगरी तो हमारे इन प्रयासों की साक्षात साक्षी बनी
प्रधानमंत्री ने हर-हर महादेव के उद्घोष के साथ भाषण का आरंभ किया। उन्होंने कहा कि आज लोहड़ी का त्योहार है। आने वाले दिनों में हम उत्तरायण, मकर संक्रांति, बिहू, पोंगल जैसे अनेक पर्व मनाएंगे। मैं देश और दुनिया में इन त्योंहारों को मना रहे सभी लोगों को बधाई देता हूं। अपनी शुभकामनाएं देता हूं। हमारे पर्वोंस दान-दक्षिणा, तप-तपस्या, हमारे संकल्पों की सिद्धि के लिए हमारी आस्था, हमारी मान्यता का एक अपना महत्व है। इसमें भी हमारी नदियों की भूमिका महत्वपूर्ण है। ऐसे समय में हम सभी नदी जलमार्ग के विकास से जुड़े बड़े उत्सव के साक्षी हैं।
उन्होंने कहा कि मेरी काशी से डिब्रूगढ़ के बीच सबसे लंबी जलयात्रा गंगा जलक्रूज का शुभारंभ हुआ है। इससे पूर्वोत्तर के टूरिज्म दुनिया के नक्शे पर आने वाले हैं। टेंट सिटी से वहां आने और रहने का एक और बड़ा कारण देश-दुनिया के पर्यटकों को मिला है। इसके साथ आज वेस्ट बंगाल में मल्टिमॉडल टर्मिनटल जैसे एक हजार करोड़ से ज्यादा के प्रोजेक्ट का शिलान्यास हुआ है। यह पूर्वी भारत में ट्रेट और टूरिज्म की संभावनाओं का विस्तार और रोजगार के अवसर बनाने वाले हैं।
योगी रविदास घाट पर रहे मौजूद
प्रधानमंत्री ने वाराणसी में आयोजित इस कार्यक्रम में वर्चुअली हिस्सा लिया। इस दौरान रविदास घाट पर आयोजित समारोह में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और केंद्रीय बंदरगाह, नौवहन और जलमार्ग मंत्री सबार्नंद सोनोवाल, असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा समेत अन्य मंत्री और गणमान्य व्यक्ति भी मौजूद रहे। इससे पहले मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि वाराणसी दुनिया की सांस्कृतिक और आध्यात्मिक राजधानी के रूप में प्रसिद्ध है और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में काशी ने अपनी प्राचीन आत्मा को बरकरार रखते हुए खुद को वैश्विक पटल पर स्थापित किया है।
इस अवसर पर सीएम योगी आदित्यनाथ ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आभार व्यक्त किया और कहा कि 8 सालों में बदलते भारत को दुनिया ने देखा। काशी ने एक नई यात्रा प्रारंभ की। भारत की आध्यात्मिक, सांस्कृति राजधानी के रूप में विख्यात काशी अपनी विरासत की धरोहर को संरक्षित रखते हुए मोदी के नेतृत्व में वैश्विक मानचित्र पर उभरी है।