बाराबंकी: दो चरण में पूर्ण होगा महादेवा कॉरिडोर का कार्य ; सतीश शर्मा ने रामसनेहीघाट पर ट्रॉमा सेंटर का प्रस्ताव किया पेश
बाराबंकी महादेवा कॉरिडोर का निर्माण दो चरणों में होगा पूर्ण। मंगलवार को राज्यमंत्री सतीश शर्मा ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मुलाकात कर जल्द कॉरिडोर निर्माण शुरू करने की मांग की और विभिन्न बिंदुओं पर चर्चा की। राज्यमंत्री ने लखनऊ अयोध्या हाईवे पर रामसनेहीघाट में ट्रॉमा सेंटर और भिटरिया हैदरगढ़ मार्ग के चौड़ीकरण की भी मांग की। इय पर मुख्यमंत्री ने आश्वासन दिया। मुख्यमंत्री से मुलाकात के बाद राज्यमंत्री जिले में पहुंचे और इसे लेकर डीएम एसपी व अन्य अफसर के साथ बैठक कर कार्ययोजना तेजी से आगे बढ़ाने की रणनीति बनाई।
मंगलवार सुबह खाद्य व रसद और नागरिक आपूर्ति राज्यमंत्री सतीश शर्मा ने लखनऊ में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मुलाकात की और जिले के रामनगर क्षेत्र में स्थित तीर्थ स्थल महादेवा में कॉरिडोर निर्माण को लेकर जिले की तैयारी से अवगत कराया। मुख्यमंत्री ने कॉरिडोर को लेकर सभी पहलुओं पर चर्चा की। कॉरिडोर निर्माण में आवागमन से लेकर यहां आने वाले भक्तों के लिए अन्य सुविधाओं पर चर्चा हुई।
राज्यमंत्री सतीश शर्मा ने बताया
लखनऊ-अयोध्या हाईवे पर आए दिन सड़क हादसे होने के बावजूद लखनऊ से लेकर अयोध्या तक कोई भी सुपर स्पेशलिटी अस्पताल नहीं है। मुख्यमंत्री से दरियाबाद विधानसभा क्षेत्र के रामसनेहीघाट में ट्राॅमा सेंटर या फिर 100 शैया अस्पताल की मांग की। वहीं, अमेठी, सुल्तानपुर, रायबरेली, बांदा लखनऊ कानपुर समेत कई जिलों के आवागमन के लिए बनी हैदरगढ़-भिटरिया मार्ग के चौड़ीकारण की मांग की। क्योंकि हाईवे पर अक्सर डायवर्जन होने के बाद इस रोड पर दबाव बहुत बढ़ जाता है। मुख्यमंत्री ने इन कार्यों को जल्द पूरा करने के संकेत दिए हैं।
इसके बाद जिले में लौटे राज्यमंत्री सतीश शर्मा ने डीएम सत्येंद्र कुमार, एसपी दिनेश कुमार सिंह समेत अन्य अधिकारियों के साथ बैठक की। यहां निर्माण को लेकर विभिन्न बिंदुओं पर चर्चा के साथ जमीन अधिग्रहण तक पर बात हुई। अन्य दो कार्यों को लेकर भी कार्ययोजना तैयार करने की बात तय हुई। एक अधिकारी ने बताया कि महादेवा कॉरिडोर को लेकर आर्किटेक्ट बुधवार को आएंगे।
बुढ़वल चीनी मिल पर जल्द शुरू होगा काम
रामनगर की बुढ़वल चीनी मिल को जल्द शुरू करने को लेकर की मांग की गई। करीब 10 साल से बंद पड़ी बुढ़वल चीनी मिल को शुरू करने के लिए 85 करोड़ रुपये के बजट की व्यवस्था पहले ही सरकार कर चुकी है। मंत्री ने बताया कि चीनी मिल में डिस्टिलरी प्लांट के साथ रिफाइंड शुगर और को-जन प्लांट भी लगना प्रस्तावित है। मिल शुरू होने से क्षेत्र के करीब पांच हजार लोगों को रोजगार मिलेगा।