UPSSF: लखनऊ, प्रयागराज, मथुरा, सहारनपुर और गोरखपुर में बनेगी विशेष सुरक्षा बल की बटालियन, 1747 करोड़ का अनुमानित खर्च होगा
यूपी में एटीएस कमांडो सेंटर के बाद योगी सरकार पहले फेज में पांच जिलों लखनऊ, प्रयागराज, मथुरा, सहारनपुर और गोरखपुर में विशेष सुरक्षा बल (UPSSF)की बटालियन गठित करने जा रही है। सहारनपुर के सुल्तानपुर गांव में इसके लिए 50 बीघा जमीन को मंजूरी देकर गृह विभाग को ट्रांसफर कर दिया गया है। यह सिंचाई विभाग की जमीन थी।
पीएसी में तैनात आईपीएस अधिकारी इन बटालियन के सेनानायक के अतिरिक्त प्रभार की जिम्मेदारी संभालेंगे। बटालियन में 1913 नए पद होंगे। इन पांच बटालियन के गठन के लिए कुल अनुमानित व्यय भार (जिसमें वेतन भत्ते और अन्य व्यवस्थाएं भी सम्मिलित हैं) लगभग 1,747 करोड़ रुपये का खर्च आएगा।
2020 में कैबिनेट में मिली थी मंजूरी
26 जून 2020 को कैबिनेट में पहले फेज की यूपी विशेष सुरक्षा बल की बटालियन को खोलने की मोहर लगी थी। इसका मुख्यालय लखनऊ में होगा। बटालियन का प्रमुख ADGP (अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक) स्तर के अधिकारी होगा। पांचों बटालियन के गठन के लिए 1747 करोड़ रुपये का कुल अनुमानित व्यय होगा। जिसमें वेतन भत्ते व अन्य व्यवस्थाएं शामिल होगी। अधिकारियों और अन्य सदस्यों की भर्ती यूपी पुलिस तथा प्रोन्नति बोर्ड द्वारा की जाएगी।
निजी कंपनी भी शुल्क देकर सेवाएं ले सकेगी
केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल की तरह यूपी विशेष सुरक्षा बल कार्य करेगा। राज्य के महत्वपूर्ण सरकारी और निजी भवनों और औद्योगिक प्रतिष्ठानों की सुरक्षा के लिए जिम्मेदार होगा। सुरक्षा बल प्रदेश में उच्च न्यायालय, जिला न्यायालयों, प्रशासनिक कार्यालय एवं परिसर, तीर्थ स्थल, मेट्रो रेल हवाई अड्डा, बैंक अन्य वित्तीय, शैक्षिक संस्थान, औद्योगिक संस्थान आदि की सुरक्षा व्यवस्था करेगा। खास बात है कि निजी कंपनियां भी एक निश्चित शुल्क अदा करके इस बल की सेवाएं ले सकेंगी। हालांकि इसके लिए राज्य के पुलिस महानिदेशक की स्वीकृति लेनी होगी।
2019 में न्यायालय परिसरों में हुई थी हिंसक घटनाएं
यूपी के बिजनौर के मुख्य न्यायिक मैजिस्ट्रेट कोर्ट में गोलीबारी हुई थी। गोलीबारी में एक हत्यारोपी सहित दो पुलिसकर्मी और एक न्यायालय कर्मचारी की हत्या कर दी गई थी। मामले की गंभीरता को देखते हुए इलाहाबाद हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को सभी जिलों के न्यायालयों में सुरक्षा व्यवस्था मजबूत करने के सख्त निर्देश दिए थे। उच्च न्यायालय ने यूपी सरकार को 15 जनवरी 2020 को यूपी के सभी जिलों के न्यायालयों में विशेष सुरक्षा बल की तैनाती के साथ सीसीटीवी कैमरे लगाने और कोर्ट के चारों ओर दीवार बनाने के निर्देश दिए थे।
गिरफ्तारी के लिए वारंट की नहीं होती आवश्यकता
विशेष सुरक्षा बल पांच जिलों के औद्योगिक प्रतिष्ठानों, हवाई अड्डों, कोर्ट व प्रमुख स्थलों पर सुरक्षा करेगा। सुरक्षा बल बिना वारंट के ही ऐसे व्यक्ति को गिरफ्तार कर सकेगा, जो प्रतिष्ठानों की सुरक्षा में सेंधमारी करेगा या फिर हमला करने और हमला करने की धमकी देने के साथ आपराधिक बल का प्रयोग करने की कोशिश करता है। सुरक्षा बल के किसी सदस्यों को किसी मजिस्ट्रेट के वारंट की जरूरत नहीं होगी। सुरक्षा बल बिना वारंट के ही व्यक्ति को हिरासत में लेकर पूछताछ कर सकता है। जिसकी बारे में किसी भी लोकल प्रशासनिक और पुलिस अधिकारियों को बताने के लिए बाध्य नहीं होगा।
पीएसी के सेनानायक संभालेंगे अतिरिक्त कार्यभार
लखनऊ में बनने वाली एकवीं वाहिनी विशेष सुरक्षा बल का कार्यभार 32वीं वाहिनी पीएसी के सेनानायक संभालेंगे। गोरखपुर में दोवीं वाहिनी का कार्य भार 26वीं वाहिनी पीएसी के सेनानायक, प्रयागराज की तीनवीं वाहिनी का कार्यभार चारवीं वाहिनी पीएसी के सेनानायक, अलीगढ़ की चारवीं वाहिनी का कार्यभार 45वीं वाहिनी पीएसी के सेनानायक संभालेंगे। जबकि सहारनपुर में बनने वाली पांचवी वाहिनी का कार्यभार मेरठ की 44वीं वाहिनी पीएसी के सेनानायक संभालेंगे।
डीएम अखिलेश सिंह का कहना है कि विशेष सुरक्षा बल की बटालियन का कार्य जोरो पर चल रहा है। सिंचाई विभाग ने गांव सुल्तानपुर में 50 बीघा जमीन भी गृह विभाग को हस्तांतरित कर दी है। जिसकी रिपोर्ट शासन को भेज दी गई है। जल्द ही बटालियन का कार्य शुरू होगा।