यूनिफॉर्म सिविल कोड: क्या योगी की तरफ इशारा कर रहे धामी? फिर बोले- उम्मीद करते हैं दूसरे राज्य भी लागू करेंगे
बीजेपी स्थापना दिवस समारोह के दौरान उत्तराखंड सीएम पुष्कर सिंह धामी ने एक बार फिर कहा कि वह उम्मीद करते हैं कि उत्तराखंड की तरह दूसरे राज्य भी यूनिफॉर्म सिविल कोड लागू करने की तरफ कदम बढ़ाएंगे। बता दें यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ पहले ही कह चुके हैं कि समान नागरिक संहिता का मुद्दा सही समय पर उठाया जाएगा।
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी (Pushkar singh Dhami) ने बुधवार को एक बार फिर कहा कि जो हमने कहा था वो कर दिया है। हम यूनिफॉर्म सिविल कोड (Uniform Civil Code) ला रहे हैं। उन्होंने कहा कि हम उम्मीद करते हैं कि दूसरे राज्य भी इस तरफ कदम बढ़ाएंगे और यूनिफॉर्म सिविल कोड लागू करेंगे। मुख्यमंत्री धामी बुधवार को देहरादून में बीजेपी के स्थापना दिवस समारोह को सम्बोधित कर रहे थे। धामी के इस बयान को उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सहित बीजेपी शासित सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों की तरफ इशारा माना जा रहा है।
बता दें उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का पड़ोसी राज्य उत्तराखंड में काफी क्रेज है। धामी के शपथ ग्रहण समारोह में इसका उदाहरण देखने को भी मिला था, जब योगी के मंच पर पहुंचते ही भीड़ से योगी-योगी के नारे लगने लगे थे। वहीं एक इंटरव्यू में योगी से जब पूछा गया था कि क्या उत्तराखंड की तरह समान नागरिक संहिता को लागू करने पर क्या आप भी इस पर विचार करेंगे? तो उन्होंने कहा था कि समान नागरिक संहिता का मुद्दा सही समय पर उठाया जाएगा।
दरअसल उत्तराखंड के सीएम पुष्कर सिंह धामी ने शपथ लेने के बाद पहली कैबिनेट मीटिंग में ही राज्य में समान नागरिक संहिता लागू करने का ऐलान किया है। उत्तराखंड में चुनाव से ऐन पहले ही धामी ने इसका ऐलान किया था कि सरकार बनते ही समान नागरिक संहिता को लागू करने की दिशा में काम शुरू कर दिया जाएगा।
पुष्कर सिंह धामी ने इस फैसले के बाद कहा कि 12 फरवरी, 2022 को हमने जनता के समक्ष संकल्प लिया था कि हमारी सरकार का गठन होने पर हम यूनिफॉर्म सिविल कोड लेकर आएंगे। हमने तय किया है कि हम इसे जल्द ही लागू करेंगे। हम एक उच्च स्तरीय कमेटी बनाएंगे और वो कमेटी इस कानून का एक ड्राफ्ट तैयार करेगी और हमारी सरकार उसे लागू करेगी। वैसे धामी ने उस दौरान भी कहा था कि वह उम्मीद करते हैं कि उत्तराखंड की तरह दूसरे राज्य भी इसे लागू करेंगे।
बता दें धामी ने अपने इस ऐलान के दौरान दावा किया था कि उत्तराखंड में जल्द से जल्द समान नागरिक संहिता लागू करने से प्रदेश में सभी वर्ग के लोगों के लिए समान अधिकारों को बढ़ावा मिलेगा। यह सामाजिक सद्भाव को बढ़ाएगा। यही नहीं प्रदेश में लैंगिक न्याय को बढ़ावा देगा। महिला सशक्तिकरण मजबूत करेगा। राज्य की असाधारण सांस्कृतिक-आध्यात्मिक पहचान और पर्यावरण की रक्षा करने में मदद करेगा। बता दें समान नागरिक संहिता के तहत सभी लोगों के लिए विवाह, तलाक, जमीन, संपत्ति और विरासत के संबंध में एक समान कानून व्यवस्था का लाभ मिलेगा। इसमें धर्म या आस्था से कोई मतलब नहीं होगा।