Vinod Upadhyay: श्रीप्रकाश शुक्ला को देख बना था गैंगस्टर, पूर्वांचल में राज करने का था सपना; गुरु जैसा ही हुआ अंत
प्रदेश के 61 व जिले के टॉप 10 में शामिल विनोद उपाध्याय को एनकाउंटर में ढेर कर दिया गया है। रंगदारी से लेकर मर्डर तक ऐसे कौन से अपराध थे जिसमें ये लिप्त नहीं था। पिछले आठ महीने से यूपी पुलिस और एटीएस इस गैंगस्टर को तलाश रही थी और आखिरकार कामयाबी हाथ लगी। अपराध की दुनिया में विनोद उपाध्याय खूंखार अपराधी श्रीप्रकाश शुक्ला को देखकर आया था।
प्रदेश के 61 व जिले के टॉप 10 में शामिल विनोद उपाध्याय की आठ माह से सरगर्मी से तलाश चल रही थी। मई, 2023 में गुलरिहा थाने में रंगदारी और जालसाजी का मुकदमा दर्ज होने के बाद से वह फरार चल रहा था। सितम्बर में एडीजी जोन ने उसके ऊपर एक लाख रुपये इनाम घोषित किया था। विनोद ने चर्चित माफिया श्रीप्रकाश शुक्ला के सम्पर्क में आने के बाद जरायम की दुनिया में कदम रखा था। उसका अंत भी श्री प्रकाश जैसा ही हुआ।
गोरखपुर में विनोद उपाध्याय ने गुलरिहा के मोगलहा में अपना ठिकाना बनाया था। मूलरूप से वह अयोध्या जिले के माया बाजार स्थित उपाध्याय के पुरवा का रहने वाला था। मई में गुलरिहा व शाहपुर थाने में रंगदारी, धमकी व जालसाजी का केस दर्ज होने के बाद अपने भाई और सहयोगियों संग फरार हो गया।
पहले पचास फिर हुआ एक लाख का इनाम
आइजी रेंज ने अगस्त में माफिया के ऊपर 50 हजार रुपये का इनाम घोषित किया था, लेकिन माफिया को पुलिस पकड़ नहीं सकी। सितम्बर में एडीजी जोन ने इनाम बढ़ाकर एक लाख रुपये कर दिया, जिसके बाद उसका नाम मोस्ट वांटेड की लिस्ट में जुड़ा और एसटीएफ की टीम ने सरगर्मी से तलाश शुरू की।
पिछले आठ महीने से चल रही थी छापेमारी
विनोद उपाध्याय को पकड़ने के लिए पिछले आठ माह से माफिया के गोरखपुर, अयोध्या, लखनऊ और प्रदेश के अन्य शहरों में स्थित ठिकाने पर छापेमारी चल रही थी। अंत में एसटीएफ टीम को सफलता मिली।