ट्विटर पर क्या बोले नेताजी, जाने यहां
आज ट्विटर पर नेताओं ने क्या कहा? जानें इनका आज का मुख्या ट्वीट।
मध्य प्रदेश के सीधी जिले में पत्रकार समेत कुछ लोगों संग पुलिस के दुर्व्यवहार वाले मामले पर कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष और सांसद राहुल गांधी ने तंज कसा है। उन्होंने इसे लोकतंत्र के चौथे स्तंभ का चीरहरण कहा है। मध्य प्रदेश के साथ-साथ केंद्र की बीजेपी सरकार पर निशाना साधते हुए राहुल ने लिखा "लॉकअप में लोकतंत्र के चौथे स्तंभ का चीरहरण! या तो सरकार की गोद में बैठकर उनके गुणगान गाओ, या जेल के चक्कर काटो। ‘नए भारत’ की सरकार, सच से डरती है।"
जानिए पूरा मामला
मध्य प्रदेश के सीधी जिले में पुलिस ने एक पत्रकार व उसके कुछ साथियों को हिरासत में लेकर उनके साथ दुर्व्यवहार किया था। पुलिस ने थाने में कपड़े उतरवाए और इसकी तस्वीर वायरल हो गई। इसपर विपक्ष ने राज्य की शिवराज सरकार को घेरा। इसके बाद प्रदेश सरकार ने इस मामले को संज्ञान में लेकर कार्रवाई भी की है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने दो पुलिसकर्मियों पर एक्शन लिया है। CM ने रिपोर्ट भी तलब की है।
पत्रकारों के साथ हुए दुर्व्यवहार के लिए जिम्मेदार थाना प्रभारी और एक एसआई को निलंबित कर लाइन अटैच करने के आदेश जारी किए गए। इसके बाद सीधी जिले के एसपी मुकेश कुमार श्रीवास्तव ने थाना प्रभारी कोतवाली मनोज सोनी और अमिलिया थाना प्रभारी अभिषेक सिंह को लाइन हाजिर कर दिया। बताया गया था कि धरना प्रदर्शन कर रहे कुछ लोगों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था, जिसके बाद उनके कपड़े उतरवाकर थाने में जुलूस निकाला गया।
अखिलेश ने भी इस मुद्दे पर भाजपा को घेरा
वहीं सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव नें भी इस मुद्दे पर भाजपा को घेरते हुए ट्वीट किया की, "भाजपा के राज में पत्रकारिता का चीरहरण। मप्र में भाजपाई राजनीति उजागर करनेवालों के ख़िलाफ़ ऐसा कृत्य एवं उप्र में सच दिखानेवालों को जेल… अति दुर्भाग्यपूर्ण एवं घोर निंदनीय!"
एक अन्य ट्वीट में सपा स्ध्यक्ष ने महंगाई पर भाजपा को घेरा और लिखा की, "भाजपाई महंगाई ने बनाया कीर्तिमान! एलपीजी दुनिया भर में सबसे महंगी व पेट्रोल ने तीसरे सबसे महंगे बिकने का रिकॉर्ड बनाया। भाजपा इस “नसीबवाली” उपलब्धि के होर्डिंग कब लगा रही है?"
मायावती ने ट्वीट कर कहा की, "कारपोरेट जगत व धन्नासेठों के धनबल के प्रभाव ने देश में चुनावी संघर्षों में गहरी अनैतिकता व असमानता की खाई तथा ’लेवल प्लेइंग फील्ड’ खत्म करके यहाँ लोकतंत्र एवं लोगों का बहुत उपहास बनाया हुआ है। गुप्त ’चुनावी बाण्ड स्कीम’ से इस धनबल के खेल को और भी ज्यादा हवा मिल रही है।किन्तु अब काफी समय बाद मा. सुप्रीम कोर्ट चुनावी बाण्ड से सम्बन्धित याचिका पर सुनवाई शुरू करेगी, उम्मीद की जानी चाहिए कि धनबल पर आधारित देश की चुनावी व्यवस्था में आगे चलकर कुछ बेहतरी हो व चुनिन्दा पार्टियों के बजाय गरीब-समर्थक पार्टियों को खर्चीले चुनावों की मार से कुछ राहत मिले।"