विंग कमांडर दीपिका मिश्रा वीरता पुरस्कार पाने वाली IAF की पहली महिला अधिकारी बनीं
विंग कमांडर दीपिका मिश्रा भारतीय वायुसेना का गैलेंटरी अवॉर्ड पाने वाली पहली महिला अधिकारी बन गई भारतीय वायुसेना द्वारा साझा की गई जानकारी के अनुसार, दीपिका मिश्रा को अगस्त 2021 में उत्तरी मध्य प्रदेश में बाढ़ में डूब रहे 47 लोगों की जान बचाने के लिए यह पुरस्कार दिया गया।
भारतीय वायु सेना प्रमुख एयर मार्शल वी आर चौधरी ने गुरुवार को भारतीय वायुसेना की एक महिला अधिकारी को वीरता पुरस्कार प्रदान किया। विंग कमांडर दीपिका मिश्रा वीरता पुरस्कार प्राप्त करने वाली पहली महिला अधिकारी अधिकारी बन गई हैं। विंग कमांडर दीपिका मिश्रा, एक हेलीकॉप्टर पायलट हैं, जो मूल रूप से राजस्थान की रहने वाली हैं। उन्हें मध्य प्रदेश में बाढ़ राहत अभियान के दौरान प्रदर्शित "अदम्य साहस" के कार्य के लिए वायु सेना पदक (वीरता) से सम्मानित किया गया है। IAF प्रमुख एयर चीफ मार्शल वी आर चौधरी ने सुब्रतो पार्क में वायु सेना सभागार में आयोजित एक समारोह में कई अधिकारियों और वायु योद्धाओं को युद्ध सेवा पदक और अन्य पुरस्कार प्रदान किए।
अन्य अधिकारियों को भी मिले पुरस्कार
प्रवक्ता ने बताया कि वायुसेना के दो अधिकारियों को युद्ध सेवा पदक, 13 अधिकारियों और वायु योद्धाओं को वायु सेना पदक (शौर्य), 13 अधिकारियों को वायु सेना पदक और 30 विशिष्ट सेवा पदक से सम्मानित किया गया। कुल 58 व्यक्तियों, जिनमें 57 वायुसेना से और एक सेना से हैं ने पुरस्कार प्राप्त किए। दीपिका मिश्रा भारतीय वायु सेना के इतिहास में वीरता पुरस्कार पाने वाली भारतीय वायु सेना की पहली महिला अधिकारी हैं।
किस लिए मिला पुरस्कार?
भारतीय वायुसेना द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार, विंग कमांडर मिश्रा को अगस्त 2021 में उत्तरी मध्य प्रदेश में अचानक आई बाढ़ के जवाब में मानवीय सहायता और आपदा राहत अभियान चलाने के लिए तैयार किया गया था। आठ दिनों तक चले इस अभियान विंग कमांडर मिश्रा ने महिलाओं और बच्चों सहित 47 लोगों की जान बचाई। अधिकारियों ने कहा कि उनके बहादुरी और साहस के प्रयासों ने न केवल प्राकृतिक आपदा में बहुमूल्य जान बचाई, बल्कि बाढ़ प्रभावित क्षेत्र में आम जनता के बीच सुरक्षा की भावना भी पैदा की।
कब हुई शुरुआत?
आजादी के बाद भारत सरकार की तरफ से 26 जनवरी, 1950 को प्रथम तीन वीरता पुरस्कार यानी परम वीर चक्र, महावीर चक्र और वीर चक्र शुरू किए गए थे, जिन्हें 15 अगस्त, 1947 से प्रभावी माना गया था। इसके बाद भारत सरकार ने 4 जनवरी, 1952 को अन्य तीन वीरता पुरस्कार यानी अशोक चक्र श्रेणी – I, अशोक चक्र श्रेणी-II और अशोक चक्र श्रेणी-III शुरु किए जिन्हें 15 अगस्त, 1947 से प्रभावी माना गया था। इन पुरस्कारों को बाद में अशोक चक्र, कीर्ति चक्र और शौर्य चक्र का नाम दिया गया।