सना मरीन पर हंगामा है क्यों बरपा...क्या प्रधानमंत्री को डांस और पार्टी का हक नहीं?
फिनलैंड की प्रधानमंत्री सना मरीन का पार्टी में डांस करने का वीडिया आया तो ये सवाल खड़ा हो गया कि क्या किसी देश के राष्ट्राध्यक्ष को क्या पार्टी करने का अधिकार होना चाहिए या नहीं? इसके अलावा ये भी पूछा जाने लगा है कि क्या प्रधानमंत्री बनने के लिए एक खास उम्र होनी चाहिए?
साल 2019 में 34 साल की सना मरीन फिनलैंड की सबसे युवा प्रधानमंत्री बनीं। अब उनका एक वीडियो सामने आया है, जिसमें वह एक पार्टी में अपने दोस्तों के साथ नाच रही हैं। उनका ये वीडियो सामने आने के बाद दुनिया भर में इस बात को लेकर बहस शुरू हो गई है कि क्या किसी देश का राष्ट्राध्यक्ष बनने के लिए एक तय उम्र होनी चाहिए? देश के नेता का आचरण कैसा हो इसे लेकर भी चर्चा चल रही है। लेकिन एक सवाल है कि क्या डांस या पार्टी करना किसी देश के पीएम या राष्ट्रपति के लिए गुनाह है?
फिनलैंड में लोग सना मरीन के डांस वीडियो को देख कर चिंतित हैं। ज्यादातर लोग इस बात से नाराज नहीं हैं कि सना डांस कर रही हैं, बल्कि इस बात से ज्यादा खफा हैं कि वह ऐसे समय में डांस कर रही हैं जब उनके पड़ोस में ही रूस हथियार लेकर घुस आया है। लोगों की नाराजगी है कि सना आखिर ऐसे समय में पार्टी कैसे कर सकती हैं जब रूस के आक्रामक रवैये के चलते उनके देश को नाटो (NATO) में शामिल होने जैसा बड़ा कदम उठाना पड़ा।
सना ने दिया जवाब
सना मरीन के डांस का वीडियो देख कर कुछ लोगों ने तो यहां तक कह दिया कि उन्होंने ड्रग्स ले रखा था। कुछ लोगों ने सवाल उठाए कि जिस तरह प्रधानमंत्री डांस कर रही हैं, उससे ऐसा नहीं लग रहा कि किसी आपात स्थिति को वह संभाल सकती थीं। फिनलैंड की प्रधानमंत्री युवा हैं और उनका डांस वीडियो इस बात की गवाही भी दे रहा है। दुनिया भर में हर रोज लाखों-करोड़ो युवा पार्टी करते हैं और इसी तरह से डांस करते हैं। वह भी अपने इसी तरह के डांस वीडियो को सोशल मीडिया पर शेयर करते हैं। तो सना के डांस से विवाद क्यों है?
राजनीति में होने के बावजूद सना मरीन सिर्फ उम्र के साथ ही नहीं बल्कि अपनी सोच से भी युवा हैं। ऐसा इसलिए क्योंकि उनका वीडियो जब सामने आया तो उन्होंने कोई लीपापोती नहीं कि और मान लिया कि कुछ दिनों पहले उन्होंने अपने दोस्तों के साथ पार्टी की थी। पार्टी कहां हुई इसे लेकर उन्होंने कोई जानकारी नहीं दी। ड्रग्स को लेकर पूछे जा रहे सवालों पर विराम लगाने के लिए उन्होंने अपना ड्रग टेस्ट तक करा लिया है। सना मरीन ने कहा, 'मुझे उम्मीद है कि 2022 में इस बात को स्वीकार कर लिया जाएगा कि निर्णय लेने वाले भी नाचेंगे, गाएंगे और पार्टियों में जाएंगे। मतदाताओं के ऊपर है वह कैसा नेता चाहते हैं।'
नेताओं को लेकर बना हुआ है सेट पैटर्न
सना मरीन का ये बयान बताता है कि दुनिया भर में हमने नेताओं को देखने के लिए जो सेट पैटर्न बनाया है वह उसे तोड़ रही हैं। नेता जनता के बीच से ही जाते हैं, जनता भी चाहती है कि नेता उन्हीं में से हो ताकि उसे समस्याओं का पता हो। लेकिन हम ये कतई नहीं चाहते कि नेता आम आदमी की तरह हरकत करे। सेट पैटर्न की बात करें तो अमेरिका में लोग अपने राष्ट्रपति में एक ऐसा व्यक्ति देखना पसंद करते हैं जो एक सुखी क्रिश्चियन परिवार का नेतृत्व करता है। भारत की अगर बात करें तो हम 21वीं सदी में भी नेता से ऐसे व्यवहार की चाहत रखते हैं जो 1947 के नेताओं की तरह हो।
पोलैंड के पीएम ने किया समर्थन
सना मरीन के समर्थन में पोलैंड के प्रधानमंत्री उतरे और उन्होंने कहा कि फिनलैंड नाटो में शामिल हुआ है तो उनके पास पार्टी करने का कारण है। थोड़ी सी वोदडा और डांस से कुछ नहीं होता। इसके साथ ही फिनलैंड की कई महिलाएं सना के समर्थन में पार्टी करते हुए वीडियो पोस्ट कर रही हैं। किसी राष्ट्राध्यक्ष के लिए पार्टी करना सही है या नहीं, ये एक बड़ी बहस है। लेकिन ये बात भी सच है कि आम लोगों के बीच से आने वाला व्यक्ति प्रधानमंत्री बनने के बाद एक आम आदमी नहीं रह जाता। सना मरीन कहती रही हैं कि भले ही वह फिनलैंड की पीएम हैं, लेकिन वह अपने उम्र के किसी अन्य व्यक्ति की ही तरह हैं। लोग लेकिन अपने नेताओं से इस तरह की अपेक्षा नहीं करते।
पावर के साथ आती है जिम्मेदारी
लोग सना मरीन को 36 साल की एक आम महिला के रूप में नहीं देखते। बल्कि वह उन्हें दुनिया के 66वें सबसे बड़े देश और 50 लाख की आबादी का नेतृत्व करने वाली ताकतवर महिला के रूप में देखते हैं। अंत में सिर्फ अंग्रेजी की एक कहावत 'ग्रेट पावर्स कम्स विथ ग्रेट रिस्पॉन्सबिलिटी' यानी 'महत्वपूर्ण पद के साथ बड़ी जिम्मेदारी भी आती है' से इस बहस को कुछ हद तक खत्म किया जा सकता है। फिनलैंड की जनता की वह चिंता कि क्या प्रधानमंत्री को तनावपूर्ण माहौल में पार्टी करना चाहिए अपनी जगह सही है। जब आप खास लोगों में शामिल हैं तो आम लोगों की तरह व्यवहार नहीं कर सकते। हालांकि मेरा मानना है कि पार्टी लोग तब करते हैं जब वह बहुत खुश हों या बहुत तनाव में हों। सना ने अगर रूस की टेंशन को खत्म करने के लिए थोड़ी पार्टी की है तो कोई हर्ज नहीं, क्योंकि वह एक पीएम से पहले इंसान भी हैं, जिसकी अपनी भावनात्मक समस्याएं हैं। प्रोफेशनल और पर्सनल लाइफ का बैलेंस जरूरी है, फिर भी वोट देने वाली जनता इस तरह के वाजिब सवाल जरूर पूछेगी।