मुरादाबाद: एक बार फिर 15 बीघा में बस रही कॉलोनी पर गरजा योगी का बुलडोजर, लाल निशान लगने के बाद भी नहीं हटाया था अवैध निर्माण
प्रेमनगर में मोमिन नाम के व्यक्ति 15 बीघा जमीन पर बिना ले आउट पास कराए अवैध निर्माण करा रहा था। मामले की शिकायत एमडीए उपाध्यक्ष शैलेष कुमार से की गई। एमडीए ने नोटिस देकर मोमिन को अवैध निर्माण नहीं कराने के लिए कहा।इसके बाद भी उसने सुध नहीं ली। इसके बाद एमडीए सचिव अंजुलता ने अवैध निर्माण को ध्वस्त करने का आदेश पारित कर दिया।
कांठ रोड पर काजीपुरा के प्रेमनगर में मोमिन द्वारा 15 बीघा जमीन पर अवैध कालोनी बसाई जा रही है। गुरुवार को एमडीए के प्रवर्तन दल की टीम ने उपाध्यक्ष शैलेष कुमार के निर्देश पर अवैध निर्माण को बुलडोजर से ध्वस्त करा दिया। मुरादाबाद विकास प्राधिकरण ने अवैध कालोनियां बसाने वालों पर कार्रवाई शुरू कर दी है।
थाना सिविल लाइंस क्षेत्र के काजीपुरा स्थित प्रेमनगर में मोमिन नाम के व्यक्ति 15 बीघा जमीन पर बिना ले आउट पास कराए अवैध निर्माण करा रहा था। मामले की शिकायत एमडीए उपाध्यक्ष शैलेष कुमार से की गई। एमडीए ने नोटिस देकर मोमिन को अवैध निर्माण नहीं कराने के लिए कहा।इसके बाद भी उसने सुध नहीं ली। इसके बाद एमडीए सचिव अंजुलता ने अवैध निर्माण को ध्वस्त करने का आदेश पारित कर दिया।
गुरुवार को एमडीए के सहायक अभियंता केके शुक्ला, अवर अभियंता मनोज सिंह प्राधिकरण के प्रवर्तन टीम व सिविल लाइंस पुलिस फोर्स के साथ मौके पर पहुंचे। उन्होंने बुलडोजर से अवैध निर्माण को ध्वस्त करा दिया। एमडीए उपाध्यक्ष शैलेष कुमार ने जनता से अपील करते हुए कहा है कि बिना प्राधिकरण से मानचित्र स्वीकृत कराए कोई भी निर्माण कार्य नहीं कराए।
ऐसा पाए जाने पर प्राधिकरण द्वारा इसे सुसंगत धारा में कार्रवाई करते हुए कभी भी ध्वस्त कर दिया जाएगा। इसी प्रकार बहुत स्थानों पर अनियोजित रूप से अवैध प्लाटिंग कतिपय व्यक्तियों द्वारा की जा रही है, ऐसे समस्त भूखंड अवैध हैं तथा ऐसे भूखंडों पर कोई भी निर्माण अवैध माना जाएगा।
नदियों किनारे अवैध निर्माण को लेकर चुप्पी साधे हैं अफसर
शहर के आसपास नदियाें पर अतिक्रमण करने वालों के खिलाफ एमडीए के अधिकारी कार्रवाई करने से बच रहे हैं। रामंगगा नदी के किनारों को घेरकर माफिया ने बेच दिया लेकिन किसी के खिलाफ ठोस कार्रवाई नहीं हुई। कुछ गरीब लोगों का अवैध निर्माण गिरा दिया इसके आगे कोई नहीं बढ़ा। करूला नाले की नापजोख करने के बाद सदर तहसील के अधिकारी चुप्पी साधे बैठे हैं।
लाल निशान लगने के बाद भी अवैध निर्माण को नहीं हटाया गया। गांगन नदी का सबसे बुरा हाल है। दिल्ली रोड पर निर्यातकों ने नदी के किनारों पर फैक्ट्रियां बनाकर खड़ी कर ली हैं। संभल रोड पर गांगन नदी के दोनों तरफ माफिया जमीन पर कब्जा करके बेखौफ होकर जमीन बेच रहे हैं। एक माफिया को नदी पर पुल बनाने के लिए सामान भी ले आया है। यही हाल रहा तो किसी दिन नदी का अस्तित्व ही समाप्त हो जाएगा।